Album: Baharon Ki Ranginiyon Ko Chura Kar
Singer: Shabbir Kumar
Music: Laxmikant - Pyarelal
Lyrics: Anand Bakshi
Label: T-Series
Released: 1986-04-02
Duration: 06:44
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बहारों की रंगीनियों को चुराकर वो कलियों की मुस्कान
होंठों पे लेकर सितारों से वो माँग अपनी सजाकर
वो आएगी एक दिन मेरे पास चलकर वही
है वही मेरी जुस्तजू तस्वीर जिस की आँखों में
है बहारों की रंगीनियों को चुराकर वो कलियों
की मुस्कान होंठों पे लेकर सितारों से वो माँग
अपनी सजाकर वो आएगी एक दिन मेरे पास चलकर
झील के जैसी गहरी वो आँखें मदिरा के
छलके प्याले हो जिन में कमर होगी उस की
ऐसी कि जैसे कोई लचकती फूलों की डाली कोई
लचकती फूलों की डाली कटी डोर लहराए जैसे
हवा पर जो मुश्किल से हाथों मे आए, सितमगर
वो आएगी एक दिन मेरे पास चलकर वही
है वही मेरी जुस्तजू तस्वीर जिस की आँखों में
है बहारों की रंगीनियों को चुराकर रेश्मीं ज़ुल्फ़ें
रातों से काली गुलाबों की सुर्खी, होठों की लाली
चंदन सी बाहें, जन्नत की राहें उभरता वो सीना,
दिलों की तबाही उभरता वो सीना, दिलों की तबाही
वो आएगी-आएगी मग़रूर दिलबर सितारों कि दुनिया से
इक दिन ज़मीं पर वो आएगी इक दिन मेरे
पास चलकर वही है वही मेरी जुस्तजू तस्वीर
जिस की आँखों में है बहारों की रंगीनियों को
चुराकर जमा कर के इन हुस्न की ख़ूबियों
को बनेगी वो मेरे खयालों की मल्लिका जो आँखों
में लेकर नशा हल्का-हल्का सिमट जाएगी मेरी बाँहों मे
आकर सिमट जाएगी मेरी बाँहों में आकर मेरी
दुनिया रख देगी जन्नत बनाकर वो कलियों की मुस्कान
होंठों पे लेकर सितारों से वो माँग अपनी सजाकर
वो आएगी इक दिन मेरे पास चलकर ओ,
तू ही है तू, मेरी जुस्तजू तस्वीर जिस की
आँखों में है तू ही है तू, मेरी जुस्तजू
तस्वीर जिस की आँखों में है