Album: Barson Ke Baad
Singer: Kumar Sanu, Kavita Krishnamurthy
Music: Nikhil-Vinay
Lyrics: Rani Malik, Vipin Handa
Label: Ishtar Music Pvt. Ltd.
Released: 2018-02-01
Duration: 05:43
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बरसों के बाद बरसे हैं आज बादल ज़मीं को
तरसे हैं आज बरसों के बाद बरसे हैं
आज बरसों के बाद बरसे हैं आज बादल ज़मीं
को तरसे हैं आज इन के आने का कोई
सबब होगा नीचे हम हैं... नीचे हम हैं तो
ऊपर रब होगा बरसों के बाद बरसे हैं
आज बादल ज़मीं को तरसे हैं आज इन के
आने का कोई सबब होगा नीचे हम हैं... नीचे
हम हैं तो ऊपर रब होगा बरसों के
बाद बरसे हैं आज बादल ज़मीं को तरसे हैं
आज धड़कन में हलचल है, अरमाँ पिघल रहे
हैं क्यूँ है ये बेचैनी? सपने मचल रहे हैं
इस रुत की ये फ़रमाइश है इस रुत
की ये फ़रमाइश है अब मान ले मौसम का
कहा बरसों के बाद बरसे हैं आज बादल
ज़मीं को तरसे हैं आज इन के आने का
कोई सबब होगा नीचे हम हैं... नीचे हम हैं
तो ऊपर रब होगा बरसों के बाद बरसे
हैं आज बादल ज़मीं को तरसे हैं आज
तुम ने मुझे पुकारा, मैं तो हो गई पागल
साँसों में छुपा लो, महक उठेंगे ये पल
अब छोड़ गिला, मुझे गले लगा अब छोड़ गिला,
मुझे गले लगा रंग तेरे प्यार का चढ़ गया
बरसों के बाद बरसे हैं आज बादल ज़मीं
को तरसे हैं आज इन के आने का कोई
सबब होगा नीचे हम हैं... नीचे हम हैं तो
ऊपर रब होगा बरसों के बाद बरसे हैं
आज बादल ज़मीं को तरसे हैं आज इन के
आने का कोई सबब होगा नीचे हम हैं... नीचे
हम हैं तो ऊपर रब होगा हाँ, बरसों
के बाद बरसे हैं आज बादल ज़मीं को तरसे
हैं आज