हो, हो-हो-हो मुझे तेरी चाहत के ग़म की क़सम ज़माने की हर एक क़सम की क़सम मैं तेरे लिए हूँ, तू मेरे लिए सितमगर, तेरे हर सितम की क़सम ओ, दिल में आग लगाए सावन का महीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना दिल में आग लगाए सावन का महीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना तूने मुझे जो ज़ख़्म दिए उन ज़ख़्मों को नहीं सीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना दिल में आग लगाए सावन का महीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना हो, इस दिल से अरमान ये निकले एक ही घूँट में जान ये निकले ज़हर जुदाई वाला घूँट-घूँट नहीं पीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना हो, ये तेरी यादों का मौसम प्यार भरे वादों का मौसम इस मौसम के बिछड़े शायद मिलें कभी ना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना तूने मुझे जो ज़ख़्म दिए उन ज़ख़्मों को नहीं सीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना दिल में आग लगाए सावन का महीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना नहीं जीना, नहीं जीना, तेरे बिन नहीं जीना