Album: Din Doobe
Music: Neelesh Misra
Label: Ziiki Media
Released: 2023-03-02
Duration: 06:22
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दिन डूबे यूँ जैसे दिल डूबता आसमाँ का बिछड़
कर शहर से शर्मीली शाम आज छुपती फिरे जैसे
तपती हुई दोपहर से दिन डूबे यूँ जैसे
दिल डूबता आसमाँ का बिछड़ कर शहर से शर्मीली
शाम आज छुपती फिरे जैसे तपती हुई दोपहर से
इस शाम की ये सुर्ख़ियाँ तुम ही तो
हो इस शाम की ये सुर्ख़ियाँ तुम ही तो
हो रात के ख़ामोश घर के सामने हाथ-भर
जुगनूँ धरे हैं शाम ने फिर से तेरे रास्ते
चलता हूँ मैं फिर पुकारा मुझको तेरे नाम ने
रात के ख़ामोश घर के सामने यूँ बिछ
गया, यूँ बिछ गया यूँ बिछ गया आसमाँ पर
अँधेरा स्याही हो बिखरी भँवर पे फिर जोश में,
फिर जोश में फिर जोश में रात हो चल
पड़ी जैसे अपने अधूरे सफ़र पे इस रात
का बढ़ता नशा तुम ही तो हो इस रात
का बढ़ता नशा तुम ही तो हो सुबह
का ये ख़ूबसूरत ख़ालीपन तेरी बातें, तेरी यादें, मेरा
मन फिर से कोई बात तेरी छेड़ेंगे हैं जुड़े
तुझसे हमारे सब जतन सुबह का ये ख़ूबसूरत ख़ालीपन
तेरी बातें, तेरी यादें, मेरा मन ऐसे उठी,
ऐसे उठी ऐसे उठी लेके अंगड़ाई सुबह कि अलसाई
है धूप देखो शर्मीली वादी, शर्मीली वादी शर्मीली वादी
हरी चुनरी ओढ़े है दुल्हन का ये रूप देखो
इस सुबह में जो भी नया तुम ही
तो हो इस सुबह में जो भी नया तुम
ही तो हो इस सुबह में जो भी नया
तुम ही तो हो इस सुबह में जो भी
नया तुम ही तो हो तुम ही तो
हो तुम ही तो हो तुम ही तो हो