Album: Hindustan Ke Hum Hain
Singer: Master Ebrahim
Music: Mohammed Rafi, Naushad
Lyrics: D. N. Madhok
Label: Saregama
Released: 1944-01-01
Duration: 02:47
Downloads: 6499
(हिंदुस्ताँ के हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा) (हिंदू-मुस्लिम दोनों की
आँखों का तारा) (हिंदुस्ताँ के हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा)
(हिंदू-मुस्लिम दोनों की आँखों का तारा) जहाँ हरी
खेतियाँ झूम रही हैं (झूम रही हैं) झुक के
जननी को चूम रही हैं (चूम रही हैं) जहाँ
हरी खेतियाँ झूम रही हैं (झूम रही हैं) झुक
के जननी को चूम रही हैं (चूम रही हैं)
सब जग से ऊँचा, सब जग ये न्यारा
(सब जग से ऊँचा, सब जग ये न्यारा) (गंगा,
जमुना बहे जहाँ, वो भारत प्यारा) (हिंदुस्ताँ के
हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा) (हिंदू-मुस्लिम दोनों की आँखों का
तारा) जहाँ शेर गए हैं काँह निकाले (काँह
निकाले) जहाँ हुए गबरू सिंह कलबी वाले (कलबी वाले)
जहाँ शेर गए हैं काँह निकाले (काँह निकाले) जहाँ
हुए गबरू सिंह कलबी वाले (कलबी वाले) नानक
की भूमि, गुरु का द्वारा (नानक की भूमि, गुरु
का द्वारा) (हिमाला की छाया में है देश हमारा)
(हिंदुस्ताँ के हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा) (हिंदू-मुस्लिम दोनों
की आँखों का तारा) लो चले सिपाही, बनके
भारती (बनके भारती) अब आए सामने, हिम्मत किसकी (हिम्मत
किसकी) लो चले सिपाही, बनके भारती (बनके भारती) अब
आए सामने, हिम्मत किसकी (हिम्मत किसकी) हर मैदानी
का, हर मैदाँ हमारा (हर मैदानी का, हर मैदाँ
हमारा) (हिंदू-मुस्लिम से मिलके जग ये सारा) (हिंदुस्ताँ
के हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा) (हिंदू-मुस्लिम दोनों की आँखों
का तारा) (हिंदुस्ताँ के हम हैं, हिंदुस्ताँ हमारा) (हिंदू-मुस्लिम
दोनों की आँखों का तारा)