हो, मेरा रब्बा सा जो लागे हाँ, इश्क़ जैसा ही वो लागे रैन-रैन जो दिल का चैन है जीने का जो ज़रिया जनाब-ए-जानिया, जनाब-ए-जानिया तू जान-ए-जाँ मेरी, तू मेरी दुनिया जनाब-ए... बैठी है दुआ में आके रू-ब-रू तेरे हो गया मेहरबाँ रब फ़ितूर पे मेरे ख़ुश-नुमा हुई है जाँ ये सोच-सोच के इश्क़ में हुई है तेरे चूर-चूर ये जानिया, जानिया, ख़ुश हैं ख़ुदाइयाँ साँस-साँस में तू शुमार है जीने का तू दरिया जनाब-ए-जानिया, जनाब-ए-जानिया तू जान-ए-जाँ मेरी, तू मेरी दुनिया जनाब-ए-जानिया तू जान-ए-जाँ मेरी, तू मेरी दुनिया जनाब-ए-जानिया, जानिया जानिया, जानिया जानिया, जानिया