Album: Kabira Roye Ya Muskuraye With Dialogue
Music: Mohammed Rafi, Kalyanji - Anandji
Lyrics: Rajendra Krishan
Label: Saregama
Released: 1971-01-01
Duration: 04:26
Downloads: 1404
ओ, बहन, बहन कबीर खड़ा बाज़ार में सब
की माँगे ख़ैर ना तो किसी से दोस्ती ना
तो किसी से बैर अरे, हो-हो एक जगह
एक फूल खिले और खिलते ही मुरझाए एक जगह
एक फूल खिले और खिलते ही मुरझाए इस
दो-रंगी दुनिया का ये राज़ समझ ना आए कबीरा
रोए या मुस्काए कबीरा रोए या मुस्काए अरे, हो-हो
इक धन वाले बाज़ीगर ने ताजमहल बनवाया जिसको
निर्धन कारीगर ने अपना ख़ून पिलाया मेहनत के
बदले में उसने हाथ अपने कटवाए कबीरा रोए या
मुस्काए कबीरा रोए या मुस्काए अरे, हो-हो चीर
के इस धरती का सीना बीज किसी ने बोया
ना दिन को आराम किया ना रात को पल-भर
सोया खेत पके तो उसके दाने और कोई
खा जाए कबीरा रोए या मुस्काए कबीरा रोए या
मुस्काए अरे, हो-हो बड़ी पुरानी हो गई दुनिया
आओ, इसे जला दें जल जाए तो राख से
इसकी दुनिया नई बसा दें सब का साथी
इस दुनिया का हर बंदा कहलाए कबीरा देख-देख मुस्काए
कबीरा देख-देख मुस्काए कबीरा देख-देख मुस्काए