Album: Mahamrityunjay Mantra
Singer: Shankar Sahani
Music: Shankar Sahni
Lyrics: Traditional
Label: T-Series
Released:
Duration: 43:54
Downloads: 8500930
मानव जीवन में मंत्रों का बड़ा ही महत्व है
मंत्रों के उच्चारण मात्र से सृष्टि और सृष्टि में
निहित प्राणियों का कायाकल्प होता है ये मंत्र कभी-कभी
जीवन के लिए मूलमंत्र बन जाते हैं युगों-युगों से
हमारे पूर्वजों के तप का यह मूल धन है,
एक धरोहर है जिसका प्रयोग हम धन-रक्षा, समाज-रक्षा, देश-रक्षा,
धर्म-रक्षा, कर्म-रक्षा और कभी-कभी आत्म-रक्षा के लिए भी करते
हैं इन्ही मंत्रों में से एक मंत्र है महामृत्युञ्जय
मन्त्र इस मंत्र के सहारे प्राणी अपनी मृत्यु
पे विजय प्राप्त करते हैं ग्रहों का खेल, नक्षत्रों
का कमाल, बुरी आत्माओं का प्रभाव इन सबसे अकाल
मौत ना हो इसके लिए इस मंत्र का प्रयोग
किया जाता है महामृत्युञ्जय मन्त्र; जीवन-रक्षा के लिए एकमात्र
तंत्र, एकमात्र यंत्र: महामृत्युञ्जय मन्त्र (ॐ) (ॐ) (ॐ)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव
बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं
यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव
बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं
यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव
बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ त्र्यम्बकं
यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ ॐ
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॐ