Album: Meethi Meethi Sardi Hai
Singer: Mohammed Aziz, Lata Mangeshkar
Music: Laxmikant - Pyarelal
Lyrics: S. H. Bihari
Label: T-Series
Released: 1986-03-15
Duration: 07:29
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मीठी-मीठी सर्दी है भीगी-भीगी रातें हैं ऐसे में चले
आओ, हो फागुन का महीना है ओ-हो, मौसम
मिलन का है अब और ना तड़पाओ सर्दी के
महीने में, हो माथे पे पसीना है ओ-हो,
मीठी-मीठी... आ-हा, मीठी-मीठी सर्दी है क़ुर्बान जाऊँ उस
दिलरुबा के क़ुर्बान जाऊँ उस दिलरुबा के पलकों पे
रख ले ज़मीं से उठा के पिया, मेरे दिल
में कहीं तेरे सिवा कोई नहीं धोखा मुझे देना
ना, देना ना, देना ना कभी इस नूर
की वादी में ऐ यार, तेरा चेहरा शहकार मुसव्विर
का, हो क़ुदरत का नगीना का ओ-हो, मीठी-मीठी...
आ-हा, मीठी-मीठी सर्दी है जब से सनम हम
तेरे हुए हैं जब से सनम हम तेरे हुए
हैं तेरी मोहब्बत में खोए हुए हैं आँखें मेरी
देखें जिधर बस तू ही तू है उधर कभी
मेरी आँखों से खोना ना, खोना ना कभी
बर्फ़ीली फ़ज़ाओं में क्या चाँदनी बिख़री है ऐसे में
जुदा रहकर, हो जीना कोई जीना है ओ-हो,
मौसम... आ-हा, मौसम मिलन का है नरगिसी आँखें
मय-ख़ाना जैसे नरगिसी आँखें मय-ख़ाना जैसे सच होगा लेकिन
मानूँ मैं कैसे? मुझे तो नशा आ गया, (देखो,
अजी, रस्म-ए-हया) हिया मेरी टूटे ना, टूटे ना, टूटे
ना कभी दुनिया में रहे साक़ी क़ायम तेरा
मय-ख़ाना दो घूँट सही, लेकिन इन आँखों से पीना
है ओ-हो, मीठी-मीठी सर्दी है भीगी-भीगी रातें हैं
ऐसे में चले आओ, हो फागुन का महीना है
ओ-हो, मीठी-मीठी... आ-हा, मीठी-मीठी सर्दी है आ-हा, मौसम
मिलन का है ओ-हो, मीठी-मीठी सर्दी है ओ-हो, मौसम
मिलन का है