Album: Mere Dushman Mere Bhai
Singer: Hariharan
Music: Anu Malik
Lyrics: Javed Akhtar
Label: Ishtar Music Pvt. Ltd.
Released:
Duration: 09:34
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जंग तो चंद रोज होती है जंग तो चंद
रोज होती है ज़िंदगी बरसों तलक रोती है
सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव ये
नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल और व्याकुल
ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये खाली रस्ते
सहमे हुए ये मातम करता सारा समां, ये जलते
घर, ये काला धुआं ये जलते घर, ये काला
धुआं मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए मेरे
दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए मुझे से, तुझ से,
हम दोनों से, ये जलते घर कुछ कहते हैं
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं मेरे दुश्मन,
मेरे भाई, मेरे हमसाए बारूद से बोझल सारी
फिज़ा, है मोत की बू फैलाती हवा जख्मों पे
है छाई लाचारी, गलियों में है फिरती बीमारी ये
मरते बच्चे हाथों में, ये माँओं का रोना रातों
में मुर्दा बस्ती, मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं
दिल पत्थर चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर मेरे
दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए मेरे दुश्मन, मेरे भाई,
मेरे हमसाए मुझे से, तुझ से, हम दोनों से,
सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं बर्बादी के सारे
मंजर कुछ कहते हैं मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे
हमसाए मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए चेहरों
के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर बर्बादी
के सारे मंजर, सब तेरे नगर सब मेरे नगर,
ये कहते हैं इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक
नफरत का ये अजगर कब तक नफरत का ये
अजगर इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफरत का
ये अजगर हम अपने-अपने खेतो में गेहूँ की जगह,
चावल की जगह, ये बंदुके क्यूँ बोते हैं जब
दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते
हैं, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं आ खाएं
कसम, अब जंग नहीं होने पाए आ खाएं कसम,
अब जंग नहीं होने पाए ओर उस दिन का
रस्ता देंखें जब खिल उठे तेरा भी चमन जब
खिल उठे मेरा भी चमन तेरा भी वतन, मेरा
भी वतन मेरा भी वतन, तेरा भी वतन तेरा
भी वतन, मेरा भी वतन मेरे दोस्त, मेरे
भाई, मेरे हमसाए मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे हमसाए