Album: Namo Namo Vighneshwari
Singer: Hari Om Sharan
Music: Traditional
Lyrics: Traditional
Label: Sony Music Entertainment India Pvt. Ltd.
Released: 2000-09-05
Duration: 11:57
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नमो-नमो विन्ध्येश्वरी, नमो-नमो जगदम्ब सन्तजनों के काज में, माँ,
करती नहीं विलम्ब जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी
आदिशक्ति, जगविदित भवानी सिंहवाहिनी, जय जगमाता जय, जय, जय
त्रिभुवन सुखदाता कष्ट निवारण, जय जगदेवी जय, जय
सन्त असुर सुर सेवी महिमा अमित अपार तुम्हारी शेष
सहस मुख वर्णत हारी (जय, जय, जय विन्ध्याचल
रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) दीनन के दु:ख हरत
भवानी नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी सब कर
मनसा पुरवत माता महिमा अमित जगत विख्याता जो
जन ध्यान तुम्हारो लावै सो तुरतहि वांछित फल पावै
तू ही वैष्णवी, तू ही रुद्रानी तू ही शारदा
अरु ब्रह्मानी (जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति,
जगविदित भवानी) रमा राधिका, श्यामा काली तू ही
मातु सन्तन प्रतिपाली उमा माध्वी, चण्डी ज्वाला वेगि मोहि
पर होहु दयाला तुम ही हिंगलाज महारानी तुम
ही शीतला अरु विज्ञानी दुर्गा दुर्ग, विनाशिनी माता तू
ही लक्ष्मी, जग सुख दाता (जय, जय, जय
विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) तू ही जाह्नवी
अरु रुद्रानी हे मावती, अम्बे निर्वानी अष्टभुजी, वाराहिनि देवा
करत विष्णु शिव जाकर सेवा चौंसट्ठी देवी कल्यानी
गौरि मंगला, सब गुनखानी पाटन मुम्बादन्त कुमारी भाद्रिकालि, सुन
विनय हमारी (जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति,
जगविदित भवानी) बज्रधारिणी, शोक नाशिनी आयु रक्षिनी, विन्ध्यवासिनी
जया और विजया वैताली मातु संकठा अरु विकराली
नाम अनन्त तुम्हार, भवानी वरनै किमि मानुष अज्ञानी जापर
कृपा मातु तब होई तो वह करै चाहे मन
जोई (जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित
भवानी) कृपा करहु मोपर, महारानी सिद्ध करहु अम्बे
मम बानी जो नर धरै मातु कर ध्याना ताकर
सदा होय कल्याना विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै
जो देवीकर जाप करावै जो नर कहँ ऋण होय
अपारा सो नर पाठ करै शत बारा (जय,
जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) निश्चय
ऋण मोचन होई जाई जो नर पाठ करै मन
लाई अस्तुति जो नर पढ़े पढ़ावै या जग में
सो बहु सुख पावै जाको व्याधि सतावै भाई
जाप करत सब दूर पराई जो नर अति बन्दी
महँ होई बार हजार पाठ करि सोई (जय,
जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) निश्चय
बन्दी ते छुट जाई सत्य वचन मम मानहु भाई
जापर जो कछु संकट होई निश्चय देविहिं सुमिरै सोई
जो नर पुत्र होय नहिं भाई सो नर
या विधि करे उपाई पाँच वर्ष सो पाठ करावै
नौरातन महँ विप्र जिमावै (जय, जय, जय विन्ध्याचल
रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) निश्चय होय प्रसन्न भवानी
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै
विधि समेत पूजन करवावै नित प्रति पाठ करै
मन लाई प्रेम सहित नहिं आन उपाई यह श्री
विन्ध्याचल चालीसा रंक पढ़त होवे अवनीसा (जय, जय,
जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी) यह जनि
अचरज मानहु भाई कृपा दृष्टि जापर होइ जाई जय,
जय, जय जग मातु भवानी कृपा करहु मोपर जन
जानी जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी आदिशक्ति, जगविदित
भवानी (जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी)
जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी आदिशक्ति, जगविदित भवानी
(जय, जय, जय विन्ध्याचल रानी) (आदिशक्ति, जगविदित भवानी)