Album: Panchhi Banoon Udti Phiroon
Music: Lata Mangeshkar, Shankar-Jaikishan
Lyrics: Hasrat Jaipuri
Label: Saregama
Released: 1956-01-01
Duration: 04:33
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पंछी बनूँ, उड़ती फिरूँ मस्त गगन में आज मैं
आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में पंछी बनूँ, उड़ती
फिरूँ मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनियाँ
के चमन में हिलोरी (हिलोरी, हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी,
हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी, हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी, हिलो-हिलो-हिलोरी) हो,
मेरे जीवन में चमका सवेरा हो, मिटा दिन से
वो ग़म का अँधेरा हो, हरे खेतों में गाए
कोई लहरा हो, यहाँ दिल पर किसी का ना
पहरा रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में
रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में आज मैं
आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में पंछी बनूँ, उड़ती
फिरूँ मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ दुनियाँ
के चमन में हो, दिल ये चाहे बहारों
से खेलूँ हो, गोरी नदिया की धारों से खेलूँ
हो, चाँद, सूरज, सितारों से खेलूँ हो, अपनी बाँहों
में आकाश ले लूँ बढ़ते चलूँ, गाते चलूँ
अपनी लगन में बढ़ते चलूँ, गाते चलूँ अपनी लगन
में आज मैं आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में
पंछी बनूँ, उड़ती फिरूँ मस्त गगन में आज मैं
आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में हिलोरी (हिलोरी,
हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी, हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी, हिलो-हिलो-हिलोरी) हिलोरी (हिलोरी,
हिलो-हिलो-हिलोरी) हो, मैं तो ओढ़ूँगी बादल का आँचल
हो, मैं तो पहनूँगी बिजली की पायल हो, छीन
दूँगी घटाओं से काजल हो, मेरा जीवन है नदिया
की हलचल दिल से मेरे लहर उठे ठंडी
पवन में दिल से मेरे लहर उठे ठंडी पवन
में आज मैं आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में
पंछी बनूँ, उड़ती फिरूँ मस्त गगन में आज
मैं आज़ाद हूँ दुनियाँ के चमन में पंछी बनूँ,
उड़ती फिरूँ मस्त गगन में आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में