Album: Rim Jhim Rim Jhim
Singer: Kumar Sanu, Kavita Krishnamurthy
Music: R.D. Burman
Lyrics: Mukul Dutt
Label: Saregama
Released: 1994-04-15
Duration: 05:19
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रिम-झिम, रिम-झिम, रुम-झुम, रुम-झुम भीगी-भीगी रुत में तुम-हम, हम-तुम
चलते हैं, चलते हैं बजता है जल तरंग
टीन की छत पे जब मोतियों जैसा जल बरसे
बूँदों की ये झड़ी लाई है वो घड़ी जिसके
लिए हम तरसे हो-ओ-ओ, बजता है जल तरंग
टीन की छत पे जब मोतियों जैसा जल बरसे
बूँदों की ये झड़ी लाई है वो घड़ी जिसके
लिए हम तरसे Ha-ha-ha, रिम-झिम, रिम-झिम, रुम-झुम, रुम-झुम
भीगी-भीगी रुत में तुम-हम, हम-तुम हो, चलते हैं, चलते
हैं बादल की चादरें ओढ़े हैं वादियाँ, सारी
दिशाएँ सोई हैं सपनों के गाँव में, भीगी सी
छाँव में दो आत्माएँ खोई हैं हो, बादल की
चादरें ओढ़े हैं वादियाँ, सारी दिशाएँ सोई हैं सपनों
के गाँव में, भीगी सी छाँव में दो आत्माएँ
खोई हैं रिम-झिम, रिम-झिम, ला-ला, रुम-झुम, रुम-झुम, ला-ला
भीगी-भीगी रुत में, Ha-ha, तुम-हम, हम-तुम हो, चलते हैं,
चलते हैं आई हैं देखने झीलों के आईने
बालों को खोले घटाएँ राहें धुआँ-धुआँ, जाएँगे हम कहाँ?
आओ, यहीं रह जाएँ हो-हो, आई हैं देखने झीलों
के आईने बालों को खोले घटाएँ राहें धुआँ-धुआँ, जाएँगे
हम कहाँ? आओ यहीं रह जाएँ रिम-झिम, रिम-झिम,
रिम-झिम रुम-झुम, रुम-झुम, रुम-झुम भीगी-भीगी रुत में, हे-हे, तुम-हम,
हम-तुम हो, चलते हैं, चलते हैं रिम-झिम, रिम-झिम,
रिम-झिम, रिम-झिम रुम-झुम, रुम-झुम, रुम-झुम, रुम-झुम भीगी-भीगी रुत में,
भीगी-भीगी रुत में तुम-हम, हम-तुम, हो, चलते हैं, चलते
हैं