Album: Safar
Singer: Mohit Chauhan
Music: Vishal Mishra
Lyrics: Kaushal Kishore
Label: T-Series
Released: 2019-03-08
Duration: 05:47
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ओ बन्देया ढूंढे है क्या राहें तेरी है घर
तेरा? चलना वहाँ, जाना वहाँ खुद तक कहीं पहुंचे
जहां 'कदम उठा और साथ में हो ले'
शहर-शहर ये तुझसे देखो बोले टुकुर-टुकुर यूँ अपने नैना
खोले ज़िन्दगी पी ले ज़रा बहती हवाओं के
जैसे हैं इरादे उड़ते परिंदो से सीखी हैं जो
बातें अनजानी राहों पे कोई, मैं चला मैं
सफ़र में हूँ खोया नहीं मैं सफ़र में हूँ
खोया नहीं मैं सफ़र में हूँ खोया नहीं मैं
सफ़र में हूँ खोया नहीं थोड़ा आगे बढ़े
मैंने जाना ये सच है तो क्या है उलझे-उलझे
सब सवाल ज़िन्दगी है ये क्या? मैं कौन हूँ?
मैंने ये जाना मुझे मिल ही गए सब जवाब
देखो ना हवा कानों में मेरे कहती क्या
बोली, 'ਵੇਖ ਫ਼ਰੀਦਾ ਮਿੱਟੀ ਖੁੱਲ੍ਹੀ' 'ਮਿੱਟੀ ਉੱਤੇ ਫ਼ਰੀਦਾ ਮਿੱਟੀ
ਢੁੱਲੀ' 'चार ਦਿਨਾਂ ਦਾ जी ले मेला दुनिया' 'फिर
जाने होना क्या?' बहती हवाओं के जैसे हैं
इरादे उड़ते परिंदों से सीखी हैं जो बातें अनजानी
राहों पे कोई, मैं चला मैं सफ़र में
हूँ खोया नहीं मैं सफ़र में हूँ खोया नहीं,
ओ ये कैसा सफ़र है जो यूँ डूबा
रहा? जाता हूँ कहीं मैं या लौट के आ
रहा वो चेहरे, वो आँखें, वो यादें पुरानी मुझे
पूछती ये नदिया का पानी भी बहता है, कहता
यही मैं सफ़र में हूँ खोया नहीं मैं
सफ़र में हूँ खोया नहीं मैं सफ़र में हूँ
खोया नहीं मैं सफ़र में हूँ खोया नहीं
खोया नहीं खोया नहीं खोया, खोया, खोया, खोया नहीं
मैं सफ़र में हूँ खोया नहीं