Album: Tujhpar Gagan Se
Singer: Sukhwinder Singh, Preeti, Pinky
Music: Aadesh Shrivastava
Lyrics: Javed Akhtar
Label: T-Series
Released: 2003-05-03
Duration: 05:22
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कैसी दीवानगी है, कैसी दीवानगी है कैसी दीवानगी है
सब कुछ कोई भूला के, निकला है घर जला
के कैसी दीवानगी है हो, तुझ पर गगन
से बरसी अगन क्यूँ है? आया चमन से काँटों
का वन क्यूँ है? हो, तुझ पर गगन से
बरसी अगन क्यूँ है? आया चमन से काँटों का
वन क्यूँ है? क्या है उलझन, हारा क्यूँ मन,
थका है क्यूँ तन रे? सब टूट गया,
सब छूट गया, कोई लूट गया जैसे कोई छोड़
गया, दिल तोड़ गया, झँझोड़ गया जैसे सब टूट
गया, सब छूट गया... सब टूट गया, सब छूट
गया, कोई लूट गया जैसे कोई छोड़ गया, दिल
तोड़ गया, झँझोड़ गया जैसे हो, तुझ पर
गगन से बरसी अगन क्यूँ है? आया चमन से
काँटों का वन क्यूँ है? ओ, प्यासी हवाएँ,
जलती दिशाएँ रेत की हैं सारी घटाएँ हो, रेत
जो बरसे तो ये मन तरसे लौट के जाएँ
कैसे इधर से? अब जाओ जिधर, देखोगे के
उधर सुनसान नगर सारे दिन बिगड़ गए, बाग़ उजड़
गए, पेड़ उखड़ गए सारे अब जाओ जिधर, देखोगे
के उधर... अब जाओ जिधर, देखोगे के उधर सुनसान
नगर सारे दिन बिगड़ गए, बाग़ उजड़ गए, पेड़
उखड़ गए सारे हो, तुझ पर गगन से
बरसी अगन क्यूँ है? आया चमन से काँटों का
वन क्यूँ है? कैसी दीवानगी है, कैसी दीवानगी
है कैसी दीवानगी है सब कुछ कोई भूला के,
निकला है घर जला के कैसी दीवानगी है
जीना सितम है, उम्मीद कम है बस एक दिल
है और इसका ग़म है काली हैं रातें, कड़वी
हैं बातें दिल खा रहा है मातों पे मातें
अब यहाँ-वहाँ, तू जाए जहाँ, वो प्यार कहाँ,
प्यारे? वो अपनों का, वो सपनों का संसार कहाँ,
प्यारे? अब यहाँ-वहाँ, तू जाए जहाँ... अब यहाँ-वहाँ, तू
जाए जहाँ, वो प्यार कहाँ, प्यारे? वो अपनों का,
वो सपनों का संसार कहाँ, प्यारे? हो, तुझ
पर गगन से बरसी अगन क्यूँ है? आया चमन
से काँटों का बन क्यूँ है? क्या है उलझन,
हारा क्यूँ मन, थका है क्यूँ तन रे?
सब टूट गया, सब छूट गया, कोई लूट गया
जैसे कोई छोड़ गया, दिल तोड़ गया, झँझोड़ गया
जैसे सब टूट गया, सब छूट गया... सब टूट
गया, सब छूट गया, कोई लूट गया जैसे कोई
छोड़ गया, दिल तोड़ गया, झँझोड़ गया जैसे