Album: Yahoo Chahe Koi Mujhe Junglee Kahe
Music: Mohammed Rafi, Shankar-Jaikishan
Lyrics: Shailendra
Label: Saregama
Released: 1961-01-01
Duration: 04:55
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Yahoo! Yahoo! चाहे कोई मुझे जंगली कहे कहने
दो जी, कहता रहे हम प्यार के तूफ़ानों में
घिरे हैं हम क्या करें? चाहे कोई मुझे
जंगली कहे कहने दो जी, कहता रहे हम प्यार
के तूफ़ानों में घिरे हैं हम क्या करें? चाहे
कोई मुझे जंगली कहे Yahoo! Yahoo! मेरे
सीने में भी दिल है हैं मेरे भी कुछ
अरमाँ मुझे पत्थर तो ना समझो मैं हूँ आख़िर
एक इंसाँ मेरे सीने में भी दिल है
हैं मेरे भी कुछ अरमाँ मुझे पत्थर तो ना
समझो मैं हूँ आख़िर एक इंसाँ राह मेरी
वो ही जिसपे दुनिया चली राह मेरी वो ही
जिसपे दुनिया चली चाहे कोई मुझे जंगली कहे
कहने दो जी, कहता रहे हम प्यार के तूफ़ानों
में घिरे हैं हम क्या करें? चाहे कोई मुझे
जंगली कहे एक मुद्दत से ये तूफ़ाँ मेरे
सीने में थे बेचैन क्या छुपाऊँ, क्या छुपा है?
जब मिलते हैं नैन से नैन एक मुद्दत
से ये तूफ़ाँ मेरे सीने में थे बेचैन क्या
छुपाऊँ, क्या छुपा है? जब मिलते हैं नैन से
नैन सब्र कैसे करूँ? क्यूँ किसी से डरूँ?
सब्र कैसे करूँ? क्यूँ किसी से डरूँ? चाहे
कोई मुझे जंगली कहे कहने दो जी, कहता रहे
हम प्यार के तूफ़ानों में घिरे हैं हम क्या
करें? चाहे कोई मुझे जंगली कहे Yahoo! Yahoo!
सर्द आहें कह रही हैं 'है ये कैसी
बला की आग' सोते-सोते ज़िंदगानी घबरा के उठी है
जाग सर्द आहें कह रही हैं 'है ये
कैसी बला की आग' सोते-सोते ज़िंदगानी घबरा के उठी
है जाग मैं यहाँ से वहाँ जैसे ये
आसमाँ मैं यहाँ से वहाँ जैसे ये आसमाँ
चाहे कोई मुझे जंगली कहे कहने दो जी, कहता
रहे हम प्यार के तूफ़ानों में घिरे हैं हम
क्या करें? चाहे कोई मुझे जंगली कहे कहने
दो जी कहता रहे हम प्यार के तूफ़ानों में
घिरे हैं हम क्या करें? चाहे कोई मुझे जंगली
कहे Yahoo! Yahoo!