ਅੱਜ ਰੋ ਲੈਣ ਦੇ ਵੇ ਜੀਅ-ਭਰ ਕੇ मेरी साँसों से दग़ा कर के तू गया मुझको फ़ना कर के, वे जानिया मेरा ज़ख़्म-ए-दिल हरा कर दे इस ग़म की अब दवा कर दे नज़रों को बा-वफ़ा कर दे, वे जानिया आदत है तेरी या तेरा नशा है कैसे बताऊँ तुझको, रहबरा? ਵੇ ਅੱਜ ਰੋ ਲੈਣ ਦੇ ਵੇ ਜੀਅ-ਭਰ ਕੇ मेरी साँसों से दग़ा कर के तू गया मुझको फ़ना कर के, वे जानिया साँसों को तेरी ज़रूरत करे कैसे बयाँ कोई? हाँ, आँखों में है ऐसी रंगत कि रौशन हो जहाँ कोई दिल बीमार-ए-मोहब्बत है बस चाहता थोड़ी राहत है तेरा ग़म ही मेरी मंज़िल है तू ना क्यूँ मुझको हासिल है? हूँ मैं दरिया, तू ही साहिल है, वे जानिया ਵੇ ਅੱਜ ਰੋ ਲੈਣ ਦੇ ਵੇ ਜੀਅ-ਭਰ ਕੇ मेरी साँसों से दग़ा कर के तू गया मुझको फ़ना कर के, ओ, जानिया (वे जानिया) (ओ, जानिया) Hmm, ज़िंदा हूँ, है मुझको हैरत मैं तेरे बिन जिया कैसे? Hmm, साँसों ने की ऐसी जुरअत ज़हर हँस के पिया कैसे? तेरे दर्द से मेरी निस्बत है तेरी यादों की हसीं सोहबत है अश्कों से दिल को तर कर दे मेरी आहों में असर भर दे मेरी नज़रों पे नज़र कर दे, वे जानिया ਵੇ ਅੱਜ ਰੋ ਲੈਣ ਦੇ ਵੇ ਜੀਅ-ਭਰ ਕੇ मेरी साँसों से दग़ा कर के तू गया मुझको फ़ना कर के, ओ (ओ, जानिया) (ओ, जानिया)