Album: Chup Chup Ke
Singer: Sonu Nigam, Mahalakshmi Iyer
Music: Shankar-Ehsaan-Loy
Lyrics: Gulzar
Label: YRF Music
Released: 2005-05-27
Duration: 07:13
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देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है
देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है देखना
आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से देखना
आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी चुप-चुप के,
छुप-छुप के रे चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से
चोरी चुप-चुप के, छुप-छुप के रे चुप-चुप के, छुप-छुप
के चोरी से चोरी चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
देखना क्या हुआ है, ये ज़मीं बह रही
है देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं
से देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं
से चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे चुप-चुप के, छुप-छुप के
चोरी से चोरी चुप-चुप के, छुप-छुप के रे
होश में मैं नहीं, ये ग़शी भी नहीं इस
सदी में कभी ये हुआ ही नहीं जिस्म घुलने
लगा, रूह गलने लगी पाँव रुकने लगे, राह चलने
लगी आसमाँ बादलों पर करवटें ले रहा है
देखना आसमाँ ही बरसने लगे ना ज़मीं पे ये
ज़मीं पानियों की डुबकियाँ ले रही हैं देखना उठ
के पैरों पे चलने लगे ना कहीं पे
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी चुप-चुप के,
छुप-छुप के रे चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से
चोरी चुप-चुप के, छुप-छुप के रे तुम कहो
तो रुकें, तुम कहो तो चलें ये जुनूँ है
अगर तो जुनूँ सोच लें तुम कहो तो रुकें,
तुम कहो तो चलें मुझको पहचानती हैं कहाँ मंज़िलें
देखना मेरे सर से आसमाँ उड़ गया है
देखना आसमाँ के सिरे खुल गए हैं ज़मीं से
देखना क्या हुआ है, ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में ज़मीं घुल रही है कहीं से
चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी से चोरी चुप-चुप
के, छुप-छुप के रे चुप-चुप के, छुप-छुप के चोरी
से चोरी चुप-चुप के, छुप-छुप के रे चुप-चुप
के-, चोरी से चोरी चुप-चुप के-, के रे चुप-चुप
के-, चोरी से चोरी चुप-चुप के-, के रे
Bunty की Babli और Babli का Bunty Bunty की
Babli हुई Bunty की Babli और Babli का Bunty
Bunty की Babli (हुई)