Album: Mehboob Mere
Singer: Lata Mangeshkar
Music: Anu Malik
Lyrics: Anand Bakshi
Label: T-Series
Released: 1985-01-01
Duration: 06:36
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कई गुज़रे हुए मौसम पुराने याद आते हैं जुदाई
में मोहब्बत के ज़माने याद आते हैं महबूब
मेरे, मैंने चुपके तेरी एक चीज़ चुरा ली है
महबूब मेरे, मैंने चुपके तेरी एक चीज़ चुरा ली
है दिल के अंदर मैंने, दिलबर, तेरी तस्वीर लगा
ली है महबूब मेरे... तू मिलता है दो-चार
दफ़ा मुश्किल से एक महीने में तू मिलता है
दो-चार दफ़ा मुश्किल से एक महीने में तुझसे मिलने
की आग लगी रहती है मेरे सीने में, हाए,
सीने में जब भी चाहूँ तुझसे मिल लूँ
इसकी तरकीब निकाली है दिल के अंदर मैंने, दिलबर,
तेरी तस्वीर लगा ली है महबूब मेरे... मेरे
दिल की धड़कन है या तेरे दिल की आवाज़
है ये? मेरे दिल की धड़कन है या तेरे
दिल की आवाज़ है ये? मालूम नहीं, मालूम तो
है, कैसे कह दूँ? एक राज़ है ये कैसे
कह दूँ? एक राज़ है ये, हाए, राज़ है
ये थोड़ी सी बात बता दी है, थोड़ी
सी बात छुपा ली है महबूब मेरे, मैंने चुपके
तेरी एक चीज़ चुरा ली है महबूब मेरे...
मैं जागी हूँ, मैं तड़पी हूँ, ऐसे हर रात
गुज़ारी है मैं जागी हूँ, मैं तड़पी हूँ, ऐसे
हर रात गुज़ारी है ये हाल रहा तो थोड़े
दिनों की देर है, बस तैयारी है, तैयारी है
मतलब ये है, ये दिल तो गया, अब
जान भी जाने वाली है महबूब मेरे, मैंने चुपके
तेरी एक चीज़ चुरा ली है दिल के अंदर
मैंने, दिलबर, तेरी तस्वीर लगा ली है महबूब मेरे...