मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को राम करे, तू जिसको चाहे वो चाहे किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मोहब्बत में ये घोखा आपसे ही खाया है दिल ने तुझको चाहा था, तूने दिल दुखाया है मोहब्बत में ये घोखा आपसे ही खाया है दिल ने तुझको चाहा था, तूने दिल दुखाया है बरस-बरस कर आँख हमारी ढूँढ रही है उस लोर को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को राम करे, तू जिसको चाहे वो चाहे किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को आशिक़ी पे मातम है, साथ में है तन्हाई तुझको मैंने चाहा था, तू ही निकला हरजाई आशिक़ी पे मातम है, साथ में है तन्हाई तुझको मैंने चाहा था, तू ही निकला हरजाई तड़प-तड़प दिल की धड़कन कोस रही उस छोर को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को राम करे, तू जिसको चाहे वो चाहे किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को ओ, तोड़ करके दिल मेरा चैन कैसे पाओगे? जब बहार आएगी, ग़म में डूब जाओगे तोड़ करके दिल मेरा चैन कैसे पाओगे? जब बहार आएगी, ग़म में डूब जाओगे लरज-लरज कर आँख हमारी ढूँढ रही है उस चोर को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को राम करे, तू जिसको चाहे वो चाहे किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को राम करे, तू जिसको चाहे वो चाहे किसी और को मैंने तुझे चाहा, तूने चाहा किसी और को ...चाहा किसी और को ...चाहा किसी और को ...चाहा किसी और को ...चाहा किसी और को