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Naseeb by Uday, Karan Kanchan
download Uday, Karan Kanchan  Naseeb mp3 Single Tracks song

Album: Naseeb

Singer: Uday, Karan Kanchan

Music: Karan Kanchan

Lyrics: Uday

Label: T-Series

Released: 2023-11-19

Duration: 03:06

Downloads: 18186

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Naseeb Song Lyrics

तू मुझसे आख़िरी बार आज मिल ले मैं गुनाह
सारे मान लूँगा मेरे सामने वो बोली, 'कुछ ना
बदल सकता एक दिन में' वहीं पर वो ले
कर एक तराज़ू छह साल तोली चार दिन से
तेरी ग़लतियाँ सब छोड़ दी मिले काफ़ी सालों
बाद पर गले जब लगाया, तब दिखा हमें कुछ
और नहीं जिन जगहों पर मिलते थे, वो जगह
है भी मौन थी वो सूर्य उदय क्या, जिसके
बाद ना कोई रोशनी क्या हमारे सुर नहीं
लगे? जो छह साल हम सुनें, क्या तुम दोनों
वो गाने सुनने लगे? जो उलझ चुके थे, क्या
तुम वो जाले बुनने लगे? क्या बस चार दिन
में उसके नाम के ताने सुनने लगे? ख़ैर,
क्या अब उसके साथ भी अलग हैं दिन? ये
दुनिया छोटी सी, उससे तो तेरा बड़ा है दिल
पर क्या सिर्फ चार दिन में जिससे वो तारे
भी हैं शरमा जाते दिखाए तुमने उसको अपने बदन
के तिल, Huh क्या तू मेरे नसीब में
नहीं है क्या तू मेरे नसीब में नहीं है
वो दूरियाँ भी दूरियों को बोले 'हमें देख करके
दूरियाँ भी जन्मों से क़रीब ही रही हैं'
क्या तू मेरे नसीब में नहीं है नसीब में
नहीं है, नसीब में नहीं है वो दूरियाँ भी
दूरियों को बोले 'हमें देख करके दूरियाँ भी जन्मों
से क़रीब ही रही हैं' ये तेरी-मेरी ऐसी
दिल्लगी एक तो ज़िंदगी तो उमर से ज़्यादा तो
देख चूका ज़िंदगी मैं पर अब हम इस तरीके
से देखें तब तो मेरी आत्मा ना शांत और
अब खोया अपनी ज़िंदगी एक मुझे ना यक़ीन
है कि अब जब ये काँपे शरीर तो तुम
ना साथ, ये लकीर मिटती ये थी विनती, बोला,
'कर दूँ ठीक चार दिन में सब' पर ना
पता था कि ज़िंदगी बची तीन दिन की
मैं बोला तुझे, 'जाना ना, Please' अब घर भी
घर जैसा ना लगता, तू बोली, 'उसे बना दूँगी
ठीक' तेरे घर में तू बोली, 'घर मेरा भी'
तो कम से कम फिर मुझसे तू अब मेरी
माँ को ना छीन, Huh अब उनके लिए
सब कर दूँ मैं उनसे करता प्यार इतना ज़्यादा,
जितनी ख़ुद से करता नफ़रत हूँ मैं कमबख़्त हूँ,
माना तुझे मेरा कम वक़्त दूँ पर जब तक
हूँ, तब तक तू मेरी ख़ुदा, मेरे लिए तो
बरकत तू ख़ुद से कितना भागोगे, जब मैं
ही तुम और तुम ही मैं? तो क्या तुम
मेरी लाश को खुद के कफ़न में बाँधोगे? तुम
दिल में छूरा डालोगे पर माफ़ी तब भी माँगूँगा
कि खून लग गया अब तेरे हाथों पे (खून
लग गया अब तेरे हाथों पे) क्या तू
मेरे नसीब में नहीं है क्या तू मेरे नसीब
में नहीं है वो दूरियाँ भी दूरियों को बोले
'हमें देख करके दूरियाँ भी जन्मों से क़रीब ही
रही हैं' क्या तू मेरे नसीब में नहीं
है नसीब में नहीं है, नसीब में नहीं है
वो दूरियाँ भी दूरियों को बोले 'हमें देख करके
दूरियाँ भी जन्मों से क़रीब ही रही हैं'
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