हम ने तुम से, तुम ने हमारा रिश्ता जोड़ा ग़म से एक वफ़ा के सिवा कौन सी ख़ता हुई थी हम से? कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया, ओ, साथी रे कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? तेरे वादे, वो इरादे, तेरे वादे, वो इरादे, ओ, मितवा रे सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? मेरी यादों में तुम हो, मेरी साँसों में तुम हो मगर तुम जाने कैसी ग़लत-फ़हमी में गुम हो तुम्हारे घर को मंदिर, देवता तुम को बना लिया तुम्हारे घर को मंदिर, देवता तुम को बना लिया देवता तुम को बना लिया तेरे वादे, वो इरादे, तेरे वादे, वो इरादे, ओ, मितवा रे सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? उम्र-भर सो ना सकेंगे, किसी के हो ना सकेंगे अजनबी तुम हो जाओ, ग़ैर हम हो ना सकेंगे किसी बेगाने की ख़ातिर तुम ने अपनों को भुला दिया किसी बेगाने की ख़ातिर तुम ने अपनों को भुला दिया तुम ने अपनों को भुला दिया, हाँ, तुम ने अपनों को भुला दिया तेरे वादे, वो इरादे, तेरे वादे, वो इरादे, ओ, साथी रे सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? अब मुझे जीना नहीं, सनम, ये ज़हर पीना नहीं, सनम अब मुझे जीना नहीं, सनम, ये ज़हर पीना नहीं, सनम जनम-जन्मों का नाता चंद लम्हों में मिटा दिया जनम-जन्मों का नाता चंद लम्हों में मिटा दिया चंद लम्हों में मिटा दिया तेरे वादे, वो इरादे, तेरे वादे, वो इरादे, ओ, मितवा रे सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? सब कुछ भुला दिया, ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया, ओ, साथी रे कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया? (कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया?) ओ, मितवा रे (कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया?) (कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया?) ओ, मितवा रे (कैसा सिला दिया? ये वफ़ा का कैसा सिला दिया?) ओ, मितवा रे ओ, मितवा रे