Album: Sunder Kand
Singer: Anuradha Paudwal
Music: Dhananjay Mishra
Lyrics: Traditional
Label: T-Series
Released:
Duration: 21:38
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जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए।।
तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद
मूल फल खाई।। जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि
काजु मोहि हरष बिसेषी।। यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ
माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा।। सिंधु तीर एक
भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर।। बार बार
रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी।। जेहिं गिरि चरन
देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता।। जिमि अमोघ
रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना।। जलनिधि रघुपति
दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रमहारी।। दो