कल जिसने जनम यहाँ पाया कल जिसको झुले में झुलाया कल जिसने जनम यहाँ पाया कल जिसको झुले में झुलाया नज़दीक सुलाया, गोदी में उठाया काँधे पे घुमाया, जिसे चलना सिखाया क्या ये वही लड़का है? क्या ये वही लड़का है? हाँ-हाँ, क्या ये वही लड़का है? ओ-ओ, क्या ये वही लड़का है? कल तक जो नन्ही सी लली थी कोमल सी जूही की कली थी कल तक जो नन्ही सी लली थी कोमल सी जूही की कली थी वो तोतली बोली, अरे, कितनी भली थी वो जिसकी सीमा बस घर से गली थी क्या ये वही लड़की है? क्या ये वही लड़की है? क्या ये वही लड़की है? हो, क्या ये वही लड़की है? Prep′ से ले कर Primary तक Primary से फिर १०वीं तक School में छोड़ा, School से लाया बरसों मैंने ये नियम निभाया इस घर में 'भोलू' जो कहलाता था अरे, Teacher से भी जो शरमाता था देख आपकी लड़की को दिल जिसका धड़का है जिसके जवाँ सीने में आज एक शोला भड़का है क्या ये वही छुटका है? क्या ये वही लड़का है? हाँ-हाँ (हाँ, ये वही छुटका है) हो-हो (हाँ, ये वही लड़का है) तितलियों के पीछे जो दौड़ा करती थी परियों के चित्रों में रंग भरती थी कब ये कली से फूल बन गई प्रेम से जोड़ी प्रेम की डोरी कब मैं बूढ़ा हुआ, ना जाना जाने कब ये हो गई किशोरी गुड़ियों की शादी कल जिसने रचाई होने वाली है कल जिसकी बिदाई मिलके जिसे मेरे शहज़ादे की तबीअत फड़की है अजी, मिलके जिसे छोटे साहब की तबीअत फड़की है क्या ये वही लड़की है? क्या ये वही लड़की है? हाँ, ये वही लड़की है बहू आपके घर की है चुना एक-दूजे को तुमने लाखों में, करोड़ों में जोड़ा अमर हो तुम्हारा प्यार-भरे जोड़ों में मौसम आएँ, ओ, मौसम जाएँ तुम्हारा जीवन और सजाएँ समय की धारा में हम तो बह जाएँगे हमारे बोल तुम्हारे संग रह जाएँगे वो मर्यादाएँ, वो परम्पराएँ जो हमने निभाईं, वो ये भी निभाएँ बस यही कहना है बस यही कहना है बस यही कहना है हो-हो, बस यही कहना है