एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए रात-रात भर याद तेरी आती रही दिलजला मैं पहले से, ये और जलाती रही ढूँढने जो निकला कुछ सुकूँ ज़माने में चाह कर भी साला दिल कहीं लगा ही नहीं लगा ही नहीं एक पल घर से मय-ख़ाने में घोल करके पी गया वो ख़त तेरे पुराने मैं एक बात तो बताओ, जान, ठीक हो ना? वक्त बहुत लग रहा है तुमको आने में आओ कि रातें अब ये काटी नहीं जाती हारा सब तुझपे, मुझमें कुछ भी नहीं बाक़ी अब तो ये आलम है, दिल क़ाबू में नहीं रोकूँ कैसे ख़ुद को? कोई बताए एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए कल रास्ते में टकरा गए जो फेरोगे क्या नज़रें? देख के हमको तुम हँस देना अच्छा लगेगा हमें थोड़ा सँवर लूँ, आँखों में भर लूँ रख लूँ मैं तुझको वहीं दुनिया ये गुम हो, बस मैं और तुम हों रात की चादर तले तेरा नाम मेरी साँसों में है आज भी तेरा इलाज इस गिलास में है आज भी जला चुके हो सब निशानियाँ मेरी, मगर तेरा रुमाल मेरे पास में है आज भी आज भी आओ सीधा सीने से लगो नाराज़गी भी हमको तुम सी नहीं आती आओ कि रातें अब ये काटी नहीं जाती देखूँ एक पल तुझको, चैन आए एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए एक तो तेरा ग़म तड़पाए एक तो तेरा नाम ना जाए एक तो नींद आती नहीं उसपे तेरी याद रात, रात-भर आए